मूलरूप से चित्रकूट के रैपुरा गाँव के है एडीजे रामकिशोर शुक्ला
लोगो बोले भ्रष्टाचार में आरोपी होने और पद का दुरुपयोग के कारण हुई कार्यवाही
चित्रकूट/प्रयागराज: प्रशासनिक समिति के निर्देश पर प्रयागराज के जिला जज अचानक कोर्ट पहुंचे जिला जज को देख कर वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों में हड़कंप मच गया। जिला जज बगैर किसी कोर्ट गए सीधे एडीजे प्रथम राम किशोर शुक्ल के कोर्ट रूम पहुंचे और उसे सील करा दिया। जानकारी के मुताबिक आपको बता दे कि रामकिशोर शुक्ला मूल रूप से जनपद चित्रकूट के रैपुरा गाँव के है। हाई कोर्ट प्रशासनिक कमेटी की कार्यवाही को देखते हुए जिला न्यायालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बिना जांच के किसी व्यक्ति को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। इस कार्यवाही से बुधवार को उनकी कोर्ट में कोई न्यायिक कामकाज नहीं हो सका,कचहरी में यह चर्चा का विषय बना हुआ है लोगो का कहना है कि भ्रष्टाचार में आरोपी होने और अपने पद का दुरुपयोग करने के कारण यह कार्यवाही की गई है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रशासनिक समिति के निर्देश पर इलाहाबाद जिला न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम पर कार्रवाई करते हुए उनका कोर्ट रूम और चैंबर सील कर दिया गया है। सूचना मिली है कि कार्रवाई मंगलवार को आधी रात के बाद की गई। सूत्रों के मुताबिक बुधवार सुबह इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रशासनिक टीम जिला न्यायलय पहुंची और जिला जज के साथ दस्तावेजों का निरीक्षण किया। हाई कोर्ट प्रशासनिक कमेटी की कार्यवाही को देखते हुए जिला न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। बिना जांच के किसी व्यक्ति को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है।
जब आधी रात को कोर्ट पहुंचे जिला जज –
सूत्रों के मुताबिक प्रशासनिक समिति के निर्देश पर प्रयागराज के जिला जज संतोष राय के मंगलवार की रात करीब एक बजे कोर्ट पहुंचने पर वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों में हड़कंप मच गया। जिला जज सीधे एडीजे प्रथम राम किशोर शुक्ल के कोर्ट रूम पहुंचे और उसे सील कराने के बाद चेंबर भी सील कर दिया।
महिला ने भी लगाया था सुसाइड नोट गायब कराने का आरोप-
2 माह पूर्व प्रयागराज के नैनी थानाक्षेत्र के जवाहर नगर निवासी सुनीता मिश्रा ने अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश को दिए गए शिकायती पत्र में न्याय की गुहार लगाते हुए बताया था कि उसके ससुरालीजनों के मानसिक तनाव के कारण उसके पति ने बीते 5 जनवरी को फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसकी सुसाइड नोट की मूल प्रति थाने से गायब हो गयी। गनीमत रही कि उसकी एक फोटो पीड़िता के व्हाट्सएप में थी। पीड़िता ने बताया था कि एडीजे रामकिशोर शुक्ला आरोपियों का रिश्तेदार है जो अपने पद का दुरुपयोग करते हुए थानाध्यक्ष से सुसाइड नोट की मूल प्रति गायब करवाने की सिफारिश की थी।