कैट ने सरकार की विवादास्पद जीएसटी कर मामलों को निपटाने के लिए एकमुश्त योजना प्रस्ताव का किया स्वागत
सरकार का निर्णय प्रधान मंत्री के ‘इज ऑफ़ डूइंग’ बिज़नेस के लक्ष्य को प्रोत्साहित करेगा
चित्रकूट। (भानु प्रभात ब्यूरो) केंद्र सरकार व्यवसायों पर विवादास्पद जीएसटी कर मामलों को निपटाने के लिए एकमुश्त योजना लाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस प्रस्ताव के लिए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने केंद्र सरकार द्वारा विवादास्पद जीएसटी कर मामलों को निपटाने के लिए एक बार का अवसर प्रदान करने के प्रस्ताव पर विचार किये जाने का स्वागत किया है। गौरतलब है की कैट ने पूर्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और जीएसटी परिषद से करदाताओं और व्यापारियों के बीच कर विवादों को समाप्त करने के लिए व्यापारिक समुदाय के लिए एक बार की एमनेस्टी योजना देने का आग्रह किया था।
शुक्रवार को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) के चित्रकूट जिलाध्यक्ष सुशील शिवहरे ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस पहल के लिए साधुवाद देते हुए कहा की उनका यह कदम जीएसटी के अंतर्गत अनावश्यक मुकदमेबाजी को समापत कर व्यापारियों को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। उन्होंने कहा की यह निश्चित रूप से ईमानदार एवं कर पालन करने वाले व्यापारियों को जिन्होंने किसी न किसी कारण से अनजाने में या कंप्यूटर सिस्टम में गड़बड़ियों के कारण गलतियां की थी, को बिना वजह के विवादों अथवा मुकदमेबाजी से बचाएगा।
सुशील शिवहरे ने वित्त मंत्रालय के इस कदम को एक बड़ा प्रयास बताते हुए कहा की यह निश्चित रूप से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ-सबका विश्वास जैसे मूलमंत्र एवं इज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के लक्ष्य को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी सरकार और व्यापारियों दोनों के लिए एक नई कराधान प्रणाली है और पिछले पांच वर्षों में नई कर प्रणाली होने के कारण इस तरह की वास्तविक गलतियाँ और चूक होना स्वाभाविक है। इस दृष्टि से कर विवादों को निबटाने के लिए एकमुश्त माफी योजना कानून का पालन करने वाले व्यापारियों को बड़ी मदद प्रदान करेगी। हालांकि, इरादतन चूककर्ताओं और आदतन कर वंचना करने वाले व्यक्तियों को इस योजना के लाभ से बाहर रखा जाना चाहिए। क्योंकि कैट अथवा कोई भी व्यक्ति व्यवसाय करने के संबंध में किसी भी व्यक्ति के दुर्भावनापूर्ण इरादों या कार्य का समर्थन नहीं कर सकता है।
गौरतलब है की कैट ने पूर्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और जीएसटी परिषद से करदाताओं और व्यापारियों के बीच कर विवादों को समाप्त करने के लिए व्यापारिक समुदाय के लिए एक बार की एमनेस्टी योजना देने का आग्रह किया था। इस तरह के कदम से अनावश्यक मुकदमों का अंत भी होगा और अदालतों पर बोझ भी बड़ी मात्रा में दूर होगा। कैट ने यह भी माँग की है की इसी आधार पर वैट के पुराने लंबित मामलों को समाप्त करने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम भी लाई जाए।