ज्ञान और वैराग्य के साथ साथ चेतना को जागृत करती है श्रीमद्भागवत कथा –भागवत भूषण राजेश राजौरिया

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कथा व्यास ने दूसरे दिन पांडवों के वंशज महाराज परीक्षित का जीवन दर्शन किया परिभाषित

पियरियामाफी में संगीतमयी सात दिवसीय कथा में बोले कथाव्यास – आधुनिक युग में भी लोग सनातन संस्कृति से जुड़े हुए हैं

चित्रकूट/रामनगर। (भानु प्रभात ब्यूरो) विकास खण्ड रामनगर के ग्राम पंचायत पियरियामाफी में श्री रामेश्वर गौ सेवा संस्थान के द्वितीय वार्षिकोत्सव के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में वृंदावन से पधारे कथाव्यास भागवत भूषण राजेश राजौरिया वैदिक द्वारा सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। कथा के मुख्य यजमान बद्री विशाल ओझा है। कथाव्यास भागवत भूषण राजेश राजौरिया वैदिक ने दूसरे दिन की कथा के अनुक्रम में श्री मदभागवत महापुराण की पावन कथा का निरूपण करते हुए पांडवों के वंशज महाराज परीक्षित का जीवन दर्शन परिभाषित किया। कथा को श्रवण करने के लिए महिलाओं एवं पुरुषों सहित बच्चों की संख्या भी काफी संख्या में रही।

कथा सुनते लोग

शनिवार को कथा व्यास ने यह भी कहा कि आधुनिक युग के बदलते परिवेश के बाद भी लोग सनातन संस्कृति से आज भी जुड़े हुए हैं। यह सुखद है आज भी बहुतायत स्थलों पर राम कथा, शिवकथा, श्री मद्भागवत महापुराण आदि को लोग बड़ी श्रद्धा के साथ अनुश्रवण करते हैं। कथाव्यास ने श्रीमद्भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान वैराग्य के साथ साथ चेतना को जागृत करने का एक बहुत बड़ा साधन है। श्रीमद्भागवत महापुराण कल्पवृक्ष के समान है। इस कथा को श्रवण करने से सम्पूर्ण पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कथा सुनाने जाते कथा व्यास

इस भक्ति रस की धारा में सहयोगी आचार्य के रूप में नीलेश शास्त्री विनय शास्त्री हैं। तो अखिलेश भाई ओझा सहयोगी के रूप में हैं। व्यापक स्तर पर व्यवस्था में अश्विनी कुमार ओझा, प0 शिवबालक, राम ओझा, राजेन्द्र ओझा, बृज नन्दन ओझा, जगनन्दन ओझा, अभिमन्यु ओझा, राजीव नयन ओझा, रघुवंश ओझा, प्रकाश ओझा पत्रकार आदि जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। वहीं प0 राममूरत द्विवेदी पूजन एवं आरती वैदिक पद्धति के अनुसार करा रहे हैं।

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