डेंगू: प्लेटलेट्स कम है तो जरूरी नहीं की है डेंगू, जानिए डेंगू के लक्षण, बचाव और रोकथाम

Tech चित्रकूट न्यूज

एलाइजा की जांच पॉजिटिव होने पर ही होती है डेंगू की पुष्टि

एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव आए बिना पैथालोजी या अस्पताल ने डेंगू की रिपोर्ट दी तो होगी कार्रवाई

मच्छर के काटने से करें बचाव, फुल आस्तीन के पहनें कपडे, अब तक मिले चुके हैं 44 डेंगू के मरीज

चित्रकूट। (भानु प्रभात ब्यूरो) डेंगू भी मच्छर जनित बुखार है। लेकिन एनएसवन  नान स्ट्रक्चरल-1 पॉजिटिव होने, प्लेटलेट्स काउंट कम होने को डेंगू नहीं कह सकते। जब तक कि एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव न आये। एलाइजा टेस्ट निगेटिव है तो वह बुखार डेंगू नहीं है। डेंगू के कोई भी लक्षण दिखने पर इसकी पुष्टि के लिए जल्द से जल्द एलाइजा की जांच करानी चाहिए। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भूपेश द्विवेदी का। उन्होंने बताया कि एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और बरसात के मौसम के बाद के महीनों में यह रोग फैलता है। जनपद में अभी तक 44 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं।

शुक्रवार को सीएमओ डा0 भूपेश द्विवेदी ने बताया कि निजी अस्पताल और पैथालॉजी संचालकों को सख्त हिदायद दी गयी है कि जब तक एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव न आए तब तक रोगी को डेंगू बताकर उसे परेशान न करें। एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव आए बिना यदि कोई पैथालोजी या अस्पताल संचालक मरीज को डेंगू की रिपोर्ट दे रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

क्या लक्षण हैं डेंगू के –

नोडल एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि ठण्ड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना। सिर, मांस पेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना। आँखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आँखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है। अत्यधिक कमजोरी लगना,भूख में बेहद कमी तथा जी मिचलाना। मुह के स्वाद का खराब होना। गले में हल्का सा दर्द होना। शरीर में लाल ददोरे रिश का होना।

मलेरिया अधिकारी

क्या करें उपाय डेंगू में – 

नोडल के मुताबिक़ डेंगू का कोई विशेष इलाज नहीं होता है। डेंगू का सिमटोमैटिक अर्थात लक्षण के आधार पर इलाज किया जाता है। यदि मरीज को बुखार है उसका इलाज, उल्टी है तो उसका इलाज और यदि कोई अन्य परेशानी है तो सम्बंधित दवा देकर उसका इलाज किया जाएगा। मरीज को ग्लूकोज दें, पानी दें| इसके साथ रोगी को आराम करने दें।

दवा का छिड़काव

ऐसे करें डेंगू की रोकथाम –

जिला मलेरिया अधिकारी लाल साहब सिंह ने बताया कि 1 सितम्बर से 13 अक्टूबर तक 44 डेंगू के मरीज मिले हैं। इलाज बाद  सभी स्वस्थ हो चुके हैं। जहां डेंगू के केस मिल रहे हैं, वहां पूरे क्षेत्र में फॉगिन्ग के साथ मच्छर रोधी छिड़काव भी कराया जा रहा है। उन्होने बताया कि एडीज मच्छरों के प्रजनन रोकने के लिए अपने घरों के आस पास पानी एकत्रित न होने देने,गड्ढों को मिट्टी से भरने,रूम कूलर, फूलदान का पानी सप्ताह में एक बार पूरी तरह खाली करने, निष्प्रयोज्य टायर,डिब्बे व बोतलों को पानी से खाली करने,पानी टंकियों व बर्तन अच्छे से ढककर रखने, मच्छरों को भगाने व मारने वाले क्रीम, स्प्रे, मैट्स, क्वाइल और रात में मच्छरदानी का प्रयोग करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ शरीर को पूरा ढ़कने वाले कपड़े पहनने के लिए भी बताया जा रहा है। 

जानकारी लेती स्वास्थ्य कर्मी

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