जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर वार्ड के अंदर कुत्ते और आवारा गायों के विचरण करने के वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से हो रहा है वायरल
आलाधिकारियों से इस मामले में शिकायत भी हुई, लेकिन जिम्मेदारों पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई
बाँदा। (भानु प्रभात ब्यूरो) जिले के सबसे बड़े खैराती सरकारी अस्पताल के ट्रामा सेंटर में कुत्ते के घूमने एवं आवारा गाय के विचरण करने का वीडियो वायरल हो रहा है। जहाँ मैनेजमेंट एवं डॉक्टरों की लापरवाही से कुत्ता व गाय जैसे जानवर मरीजों के बेड तक पहुँच रहें हैं। जिसके चलते कभी भी इस प्रकार के जानवर मरीजों पर हमला बोल कर उनकाे नुकसान पहुँचा सकते हैं।एक बार फिर बाँदा जिला अस्पताल से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर वार्ड के अंदर कुत्ते और आवारा गायों के विचरण करने के वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहे हैं।
अस्पताल की घोर अव्यवस्था को देखते हुए बुदेलखंड इंसाफ सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए एस नोमानी ने कहा कि जहाँ एक तरफ उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की जुगत में लगे हुए हैं, वहीं ऐसे में बाँदा जिला अस्पताल में आए दिन किसी न किसी मामले को लेकर सुर्खियों में बना रहता है। यहाँ पर स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर काम करने वाले सीएम व डिप्टी सीएम के आदेशों की धज्जियाँ तो उड़ती दिखाई ही देती है। साथ ही बेहतर इलाज की उम्मीद को लेकर पहुंचने वाले लोग भी यहाँ पर निराश होकर जाते हैं।
वायरल वीडियो में ट्रामा सेंटर के अंदर मरीज के बेड पर एक कुत्ता जहाँ बिस्कुट खाता हुआ दिखाई दे रहा है। तो वहीं एक आवारा गाय मरीजों और तीमारदारों के बीच घूमती हुई भी नजर आ रही है,बड़ी बात यह है,कि इन्हें यहाँ से भगाने वाला कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नजर नहीं आ रहा।ऐसे में बड़ा सवाल यही है,कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार का जो दिशा निर्देश है,उनका यहाँ पर आखिर पालन होता क्यों नहीं नजर आता?सोशल मीडिया में कुत्ते और आवारा गाय के घूमने के वीडियो जो वायरल हो रहे हैं, वह यहाँ के लिए नए नहीं है, इसके पहले भी यहाँ से ऐसी ही तस्वीर सामने आ चुकी है।
आपको बता दें कि आलाधिकारियों से इस मामले में शिकायत भी हुई थी। लेकिन जिम्मेदारों पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की की गई। जिसका नतीजा यही है कि जिला अस्पताल में मरीजों व उनके तीमारदारों के साथ-साथ आवारा पशुओं का भी यहाँ आना जाना बना रहता है। जिसके चलते यहाँ पर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। परंतु इस समस्या से लोगों को छुटकारा मिलता फिलहाल तो दिखाई नहीं दे रहा है।