दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात को सही ठहरा रहे
रिपोर्ट – हरीनारायण पांडे
रामनगर/ चित्रकूट। (भानु प्रभात ब्यूरो)। उप्र सरकार द्वारा जीरो टॉलरेंस नीति पर सरकारी कामकाज होने के दावे भले किए जाते हों लेकिन हकीकत में भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी तथा विकास कार्यों में धीमी प्रगति के साथ साथ निरंकुशता के सीधे आरोप यदि खंड विकास अधिकारी पर लगें तो हर किसी के लिए सच्चाई जानने का कौतूहल होना स्वाभाविक ही है।बीडीओ रामजी मिश्रा पर भाजपा के एक स्थानीय नेता रमेश शुक्ला ने गालीगलौज कर कार्यालय से भगाने का आरोप लगाया था। भाजपा नेता ने रैपुरा थाने में इस घटना का शिकायती पत्र भी दिया था। पता चला है कि इस संबंध में बीडीओ ने जिलाधिकारी से मिलकर अपना पक्ष रखा है। सूत्रों के अनुसार मिल रही खबर के अनुसार ब्लॉक प्रमुख रामनगर ने भी जिलाधिकारी से मिलकर बीडीओ की शिकायत की है। इस संबंध में जानकारी के लिए ब्लॉक प्रमुख रामनगर को कई बार फोन किया गया लेकिन उनका फोन नही लगा।
भाजपा नेता के आरोप के बाद अब कमीशन लेने का वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें कमीशन लेने की चर्चा हो रही है। लेकिन स्थानीय लोगों के बीच यह चर्चा जरूर है कि अन्य विकास खण्ड में तो गाँव के विकास की इबारत लिखी जाती है और रामनगर एक ऐसा ब्लाक है जहाँ आपस में ही जंग लड़ी जा रही है। रामजी मिश्रा को यहां आए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है। लगभग तीन महीने की अल्प अवधि में दूसरे जनपद से तबादले में खण्ड विकास अधिकारी रामनगर के पद पर आने वाले बीडीओ अभी ठीक से ब्लाक स्तर के गांव तक नहीं समझे होंगे कि यकायक विवादों में उलझते हुए दिख रहे हैं। रामनगर में बीडीओ एवं भाजपा नेताओं के साथ छिड़ी हुई जंग का क्या परिणाम निकलेगा यह तो भविष्य तय करेगा लेकिन भाजपा नेता एवं ब्लाक प्रमुख से सीधी भिड़ंत ने फिलहाल क्षेत्र के साथ साथ जनपद में भी कौतूहल का विषय जरूर बना हुआ है। यह भिड़ंत कितना जायज थी यह तो जाँच पड़ताल के बाद सामने आएगी। लेकिन सवाल यह जरूर है कि विकास के कार्यालय में छिड़ी हुई यह जंग आखिर किन कारणों से उभरी इसकी वजह तलाशने की एक कोशिश जरूर की जानी चाहिए।
कहीं ये तो नही विवाद की असल वजह –
सत्र 2020 में ग्राम पंचायत लौरी में जिलाधिकारी चित्रकूट के निर्देश पर ग्राम विकास अनुभाग द्वारा जैवन्ती बांध के नीचे स्थित गोशाला में कांग्रेस नेता रंजना बराती लाल पाण्डेय के भतीजे पंकज पाण्डेय के द्वारा निर्माण कार्य कराया गया। मामले की जानकारी होने पर राजनीतिक कारणों से जिस कार्य की जाँच पड़ताल कराई गई। चर्चा है कि आरईएस के एक्सीयन ने पूर्व विधायक के दवाब पर जाँच पर पाया कि खुले मैदान में कार्य की कोई आवश्यकता नहीं थी और यह कार्य इस स्थान पर औचित्यहीन है। फिर निर्माण कार्य का भुगतान भी रोक दिया गया। जिस पर कार्यदायी संस्था के ठेकेदार ने हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया। यह मामला फिलहाल न्यायालय में है।लेकिन गौरतलब हो इस औचित्यहीन एवं खुले आसमान के नीचे होने वाले उसी कार्य को किसी दूसरी कार्यदायी संस्था के ठेकेदार पिन्टू बरिया द्वारा पूरा करवाया गया है जो दिलचस्प है और इतना ही नहीं इस निर्माण कार्य का भुगतान भी खण्ड विकास कार्यालय से किया जा चुका है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट में विचाराधीन इसी मामले में रमेश शुक्ला जो कि शिकायतकर्ता भी हैं खण्ड विकास अधिकारी के ऊपर दवाब बना रहे हैं कि इस मामले में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखें, लेकिन खण्ड विकास अधिकारी का कहना है कि न्यायालय का अनुपालन सभी को हर हाल में सुनिश्चित करना है।
विवाद पर क्या बोले बीडीओ रामनगर –
खण्ड विकास अधिकारी रामनगर रामजी मिश्रा से भाजपा नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर उच्चाधिकारियों द्वारा स्पस्ट आदेश दिए गए हैं कि रेशियो के अनुसार ही कार्य सुनिश्चित करें तो इसीलिए मेरा विरोध किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 60 प्रतिशत कच्चे काम एवं 40 प्रतिशत पक्के काम का रेशियो है। लेकिन कार्य कराने वाले ठेकेदार/ कार्यदायी संस्था कच्चे काम नहीं कराना चाहते हैं। वह पक्के काम कराना ज्यादा उचित समझते हैं, चूंकि पक्के काम राजवित्त से होते हैं। तो उन कामों का भुगतान जल्दी हो जाता है। वहीं कच्चे काम अधिकतर मनरेगा योजना से ही सुनिश्चित करना है। जिसमें बजट आने पर ही भुगतान सम्भव है, देर भी हो सकती है। इसलिए ब्लाक में रेशियो भी भिन्न हो गया है। ऐसे में यदि शासन की गाइडलाइन को लेकर उच्चाधिकारियों के आदेश का अनुपालन कराने का उपक्रम करते हैं तो सहयोग करने की बजाए मेरा विरोध किया जा रहा है। ऐसे में रामनगर में नौकरी करना चुनौती बन रहा है।
भाजपा नेता रमेश शुक्ला के आरोप पर बोले बीडीओ –
भाजपा नेता रमेश शुक्ला के आरोप पर बोले कि मैंने तो उनसे कोई बात ही नहीं की थी। वह मेरे ऑफिस में आकर सीधे तौर पर कहा कि तुम मुझे जानते नहीं हो, मैं तुम्हारी नौकरी खा जाऊँगा नहीं जो काम तुम्हारे पूर्व के बीडीओ ने नहीं किया। तो तुम उस कार्य में दिलचस्पी नहीं लो वरना ठीक नहीं होगा। तब मैंने कहा कि शान्त हो कर बैठे और पहले पूरी बात समझें। लेकिन वह अपनी ही बात बोल रहे थे। तब मुझे कहना पड़ा कि अभी मेरे ऑफिस से जाइये जब नार्मल हो जाए तब आइए आपको तभी पूरी जानकारी दी जाएगी।