एच एल इंटर कालेज में छात्रों को दिए टिप्स, गांवों में भी लोगों को किया जा रहा जागरूक
मानसिक स्वास्थ्य के तहत चल रहा ‘आयुर्वेद सप्ताह’
बाँदा। (भानु प्रभात ब्यूरो) कोरोना संक्रमण से बचाव में आयुर्वेद पद्धति बहुत ही कारगर साबित हुई। हजारों सालों से चल रही यह पद्धति ने एक बार फिर अपनी पहचान को कायम रखा। आयुर्वेद शारीरिक ही नहीं, मानसिक रोगों के उपचार में भी अद्वितीय है। यह बातें मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के तहत आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. नीरज सोनी ने कहीं।
बृहस्पतिवार को एचएल इंटर कालेज में आयोजित जागरूकता शिविर के दौरान डॉ. सोनी ने कहा कि अन्य पद्धति में मानसिक रोगों के लिए दी जाने वाली दवाओं में साइड इफैक्ट हो सकते हैं। लंबे समय तक मंहगी दवाइयां खानी पड़तीं है, इसलिये मानसिक रोगों के उपचार के लिये आयुर्वेद एक अच्छा विकल्प है। आयुर्वेद के पुराने ग्रंथों में मानसिक रोगों के उपचार के लिये शमन चिकित्सा, शोधन चिकित्सा एवं सत्वावजय चिकित्सा का वर्णन मिलता है।
आयुर्वेद में माइग्रेन, पुराना से पुराना सिरदर्द, आधा शीषी अर्थात् आधे सिर का दर्द, साइनोसाइटिस, तनाव, चिंता, उलझन, बेचैनी, घबराहट, हाथ-पैर कांपना जैसी समस्याओं का भी सटीक इलाज है। डॉ. सोनी ने बताया कि सातवें आयुर्वेद दिवस के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में आयुष विभाग की पहल पर आयुष चिकित्साधिकारियों के माध्यम से स्कूलों एवं ग्राम पंचायतों में आयुर्वेद के प्रचार प्रसार के लिए ‘हर घर आयुर्वेद’ नाम से अभियान चलाया जा रहा है। 16 अक्टूबर तक आयुर्वेद सप्ताह मनाया जा रहा है। मंडी समिति स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय में हर तरह के मानसिक रोगियों का इलाज होता है।