स्वास्थ्य: शारीरिक परिश्रम के बिना सांस फूलने को हल्के में न लें

Tech चित्रकूट न्यूज

विश्व ह्रदय दिवस पर चिकित्सकों ने बचाव के लिए ली शपथ

चित्रकूट। (भानु प्रभात ब्यूरो) पौष्टिक आहार लेने, रोजाना आधा घंटा कसरत करने, संतुलित वजन रखने, धूम्रपान न करने और भरपूर नींद लेने को अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे| गुरुवार को सीएमओ कार्यालय में विश्व ह्रदय दिवस के मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सभी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों सहित स्टाफ ने यह शपथ ली|सीढ़ी चढ़ते हुए अक्सर सांस फूलने लगती है, इसे चिकित्सीय भाषा में डिशनिया कहते हैं। अगर लगातार सांस फूलने की समस्या हो या कड़े शारीरिक परिश्रम के बिना ही सांस फूलने लगे तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसका कारण एनजाइना, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और हृदय की असामान्य धड़कनें हो सकता है। क्योंकि जब हृदय की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है तो वह उतनी मात्रा में रक्त पंप नहीं कर पाता है, जितनी शरीर को आवश्यकता होती है, इसकी प्रतिक्रिया शरीर तेज-तेज सांस लेकर देता है ताकि शरीर के अंदर ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन आ सके। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ भूपेश द्विवेदी ने यह सलाह दी है| उन्होंने बताया कि छाती में दर्द के साथ अगर सांस फूले तो यह खतरे का संकेत है। पसीना आना कोई बीमारी या बुरी बात नहीं है लेकिन अगर बेतहाशा पसीना आए तो यह गंभीर विषय है| लगातार चक्कर आएं तो इसे सिर्फ थकान या कमजोरी न मानें। अच्छा खाने और भरपूर सोने के बाद भी थकान महसूस हो तो इसे हल्के में न लें। धमनियां ब्लॉक होने से भी यह समस्या हो जाती हैं। बांहों का सुन्न हो जाना इसका कारण हृदय रोग हो सकता है। बोलने में जबान लड़खड़ाना भी हार्ट अटैक का गंभीर लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थितियां उत्पन्न होने पर चिकित्सक से संपर्क करें।

सांकेतिक फोटो

एनसीडी के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. इम्तियाज अहमद कहते हैं कि वर्तमान जीवनशैली, गलत खान पान, मोटापा, तनाव, नशा आदि कारणों से बहुत सारे लोग कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इनमें से कई बीमारियां जानलेवा होती हैं। हृदय संबंधी बीमारियां भी इन्हीं में से है, जिस कारण बहुत सारे लोगों की मौत भी हो जाती है। पहले उम्रदराज लोगों को हृदय रोग की समस्या होती थी, अब कम उम्र में भी दिल से जुड़ी बीमारियां शुरू हो रही हैं। हृदय संबंधी बीमारियों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। कम उम्र के लोगों में हृदय रोग की समस्या चिंताजनक है। इसलिए लोगों को इस बारे में जानकारी होना आवश्यक है ताकि वह अपने खान-पान और जीवन शैली में बदलाव करके इस रोग से बच सकें।

जिला अस्पताल में तैनात डा. बी एस द्विवेदी का कहना है कि अपनी जीवन शैली में बदलाव करके और अच्छी आदतें अपनाकर इस घातक रोग से बचा जा सकता है। युवाओं में जंक फूड सेवन की अधिकता से शरीर में जरुरत से ज्यादा नमक की मात्रा पहुचंती है। नमक में पाया जाने वाले सोडियम से उच्च रक्त चाप की शिकायत हो जाती है, जो हृदय रोग को बढ़ावा देती है। इसलिए युवाओं को इससे बचाव के लिए धूम्रपान सहित सभी खराब आदतों को छोड़ देना चाहिए।

हृदय रोग के कुछ मुख्य कारण –

शरीर में कोलेस्ट्राल का बढ़ना।-

शारीरिक श्रम न के बराबर करना-

बढ़ता मोटापा भी बड़ी समस्या

हृदय रोग संबंधी लक्षण-

सीढ़िया चढ़ने या पैदल चलने में सांस फूलना-

बाएं हाथ और सीने में भारीपन होना-

थकावट होना और ज्यादा पसीना आना

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