बाउंसरों के सहारे किया जा रहा है लोगों को नियंत्रित, कर्मचारियों की हेकड़ी से बाहर से आने वाले श्रद्वालु परेशान
यूपी के लक्ष्मण पहाड़ी पर 40 रूपया तो एमपी के हनुमानधारा पर 130 रूपया है किराया
क्या विधायक से रोप वे संचालक को मिला लूटने का लाइसेंस …?
(रिपोर्ट – संदीप रिछारिया)
चित्रकूट। (भानु प्रभात ब्यूरो) मामा शिवराज की लीला अजब है। एक तरफ तो वह नागरिक सुविधाओं का विकास कर लोगों को धर्मक्षेत्रों में अधिक से अधिक आने को प्रेरित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्होंने इसे बाजार बना कर रख दिया है। धर्मक्षेत्र में इसके एक नही अनेक कारण साफ नजर आते हैं, रोपवे हो या फिर पार्किंग व इंट्री टैक्स हर कहीं ऐसा लगता है कि सरकार की माफियाओं के साथ दुरभि संघि साफ दिखाई देती है।उदाहरण के लिए हम हनुमान धारा पर पिछले दो साल से चलाए जा रहे रोप वे को लेते हैं। श्रीकामदगिरि परिक्रमा में लक्ष्मण पहाड़ी पर बने रोप वे लोग आराम से 40 रूपये देकर पहाड़ चढ़ रहे हैं तो एमपी के दामोदर रोपवे पर उन्हें 130 रूपया खर्च करने पड़ रहे हैं। इस सवाल का जवाब एमपी में रोप वे का संचालन कर रही दामोदर रोपवे के संचालकों के पास कोई सीधे तौर पर नही है। अलबत्ता उनके पास एक सीधा जवाब यह है कि उनका अन्य रोपवे मैहर देवीजी में है, और वहां पर किराया यहां के बराबर है।
वैसे चित्रकूट के इस रोपवे का किराया बढ़ने के पीछे कहानी के किरदार फिल्मी नजर आते हैं। दो साल पहले यहां पर रोप वे का किराया 80 रूपया हुआ करता था। लेकिन दामोदर रोपवे के संचालक की विधायक जी से मुलाकात क्या हुई, उन्होंने यात्रियों की जेब पर सीधे तौर पर डाका डालने का काम शुरू कर दिया। वैसे रोपवे के संचालन में राजनीति भी खूब हाबी रही। काफी रस्साकशी के बाद भाजपा के सांसद गणेश सिंह ने इसका शुभारंभ किया तो किराया 80 रूपया था। लेकिन दो दिन बाद ही कांग्रेस विधायक नीलांशु ने रोप वे दोबारा उद्घाटन क्या किया, किराया 130 रूपया हो गया। इतनी जल्दी रोप वे का किराया बढ़ने के पीछे का क्या कारण है इसका उत्तर तो केवल रोप वे संचालक ही जानते होंगे।
वैसे सूत्र बताते हैं कि विधायक ने साफ तौर पर संचालक को कहा है कि अगर उनकी लिस्ट के अनुसार लोगों को नही काम पर लगाया तो दोबारा रोप वे का संचालन बंद करा दिया जाएगा। ऐसा लगाता है कि रोप वे संचालक विधायक जी के आदमियों को काम पर लगाने के मूड में नही है, इसलिए ही वह किराया बढ़ाकर अपनी रकम जल्दी निकालने के चक्कर में हैं। वैसे देखा जाए तो अभी रोप वे संचालक आम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करता भी नजर आ रहा है। सांसद के द्वारा रोप वे के संचालन को शुरू करने के बाद तीन दिन बाद विधायक के हड़काने पर जब रोप वे का संचालन बंद किया गया तो खुद रोप वे संचालक के गुर्गों ने कहा था कि टेक्निकल टीम ने पाया है कि रोप वे खतरनाक है। इसमें उपर जाने पर ट्राली में ज्यादा झटके लगते हैं, जो कि सेफ नही है। ऐसे में बीच में एक खंभे की और जरूरत है, लेकिन बिना खंभे लगवाए रोपवे संचालक ने दोबारा से इसे शुरू करवा दिया और आम लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने लगा।
उधर रेट के मायने में उत्तर प्रदेश में लक्ष्मण पहाड़ी पर लगे रोप वे से इसकी तुलना करें तो वहां पर रोप वे का किराया कुल 40 रूपया ही लिया जा रहा है। जो कि हनुमानधारा के रोपवे की तुलना में तीन गुना कम है, अगर बच्चों के किराए की बात करें तो हनुमानधारा में किराया 83 रूपया है जबकि लक्ष्मण पहाड़ी में कुल 20 रूपया है। जो कि चार गुना से भी कम है। अब ऐसे में दामोदर रोपवे के संचालक कोलकाता से चित्रकूट में आकर खुले आम लोगों की जेब में डाका डाल रहे हैं। कानपुर के रहने वाले अनुज दीक्षित ने बताया कि दामोदर रोप वे के संचालक खुले आम लूट मचाए हैं। बाहर से लोग यहां पर पवित्र भावनाएं लेकर आते हैं लेकिन चित्रकूट में जहां यूपी में कुल 40 रूपये में लक्ष्मण पहाड़ी में पहुंचा जा सकता है, वहीं हनुमानधारा में किराया 130 रूपया अव्यवहारिक व औचित्यपूर्ण नहीं हैं। अन्नू सोनी ने कहा कि इसके लिए वह मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इनकी शिकायत करेंगे, वैसे टेंडर देते समय सरकार ने इनकी दरें तय की होंगी। स्थानीय नेताओं की चुप्पी भी इस मामले में चिंता का विषय है। इस मामले में स्थानीय संत व महंतों को भी बोलना चाहिए क्योंकि अधिकतर श्रद्वालु उनके पास से ही विभिन्न धर्मस्थलों में घूमने जाते हैं।