विकास समूह की पूजन कुशवाहा ने उच्चाधिकारियों पर धोखाधड़ी करने का लगाया गंभीर आरोप
वहीं वाईपी कन्हैया ने महिलाओं पर झूठ बोलने का लगाया आरोप, बोले – मैं नहीं ले गया आचार
चित्रकूट। (भानु प्रभात ब्यूरो) महिलाओं को रोजगार के जरिए उनकी आमदनी बढ़ाने का दम भरने वाले अधिकारी समूह की महिलाओं से धोखाधड़ी करके उनका बना हुआ आचार खा गए। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चित्रकूट के मानिकपुर में संचालित विकास समूह एवम तारा समूह की महिलाओं ने ये आरोप डीएमएम रमाशंकर और वाईपी कन्हैया गोंडे पर लगाए हैं। आँवले के आचार बनाने का प्रशिक्षण देने के बाद सौ किलो आचार का आर्डर दिया गया था। जब महिलाओं ने बना दिया तो कन्हैया गोंडे ने आचार बेचवाने के नाम पर समूह की महिलाओं से आचार ला के हजम कर लिया। गौरतलब है की महिलाओं ने इसे बनाने के लिए समूह से कर्ज लिया था जिसका ब्याज बढ़ रहा है। हालांकि इन आरोपों को डीएमएम रमाशंकर और वाईपी कन्हैया गोंडे सिरे से खारिज करते हैं। कन्हैया ने बताया की इनका आचार इन्हीं लोगों के पास है, कुछ डिब्बे इन्होंने कर्मचारियों को दिया था। जिसका पैसा इनको नहीं मिला। वहीं रमाशंकर शर्मा ने तो यहां तक कहा की जिले का कोई रोल ही नहीं है। सबकुछ समूह की महिलाओं और ब्लॉक मिशन प्रबंधक के ऊपर रहता है।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण महिलाओं की आमदनी बड़े इसके लिए सरकार अनेक कार्यक्रम चला रही है। लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा लगातार भोली भाली महिलाओं के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। ताजा मामला हजारों की लागत से तैयार हुए आंवले के आचार को डीएमएम रमाशंकर और वाईपी कन्हैया गोंडे द्वारा हड़प लेने का है। ये आरोप विकास समूह की पूजन कुशवाहा ने लगाया है। उन्होंने बताया की पहले हमें विकास भवन कर्वी में आचार बनाने की ट्रेनिंग दी गई। फिर हमें बोला गया की आप सौ किलो आंवले का अचार तैयार करिए इसे हम लोग खरीदेंगे और बेंचवाएंगे भी। जब आचार बनके तैयार हो गया तब कन्हैया हमारे घर से आचार ले के चले गए और आज तक हमें न तो आचार दिया गया न ही उसके पैसे। वहीं तारा समूह की हसीना बानो से इस संबंध में बात नहीं हो सकी।
मुख्य विकास अधिकारी को दिए गए पत्र में समूह की महिलाओं ने बताया की आचार विदेश भेजने के नाम पर हमसे सौ किलो आचार बनवा लिया गया। साथ ही आचार बनाने की सामग्री खरीदने के नाम पर कन्हैया द्वारा दोनो समूहों से पैसा ले लिया गया। आज तक हमारे आचार का कुछ पता नहीं चला की आचार इन लोगों ने क्या किया। महिलाओं ने समूह से धोखाधड़ी करने के लिए उक्त सभी कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही के लिए अनुरोध किया है।
सच्चाई तो जांच में ही सामने आएगी लेकिन समूह की महिलाओं द्वारा उच्च अधिकारियों ऐसे आरोप कहीं न कहीं सवाल खड़ी करती है। जब महिलाओं को ब्याज में लिए गए पैसे का सदुपयोग नहीं मिल पाएगा तो सवाल तो उठेंगे ही। आचार के लिए डिब्बे उपलब्ध कराने को लेकर वाईपी कन्हैया और डीएमएम रमाशंकर के बयानों में ही विरोधाभास है।
क्या बोले डीएमएम रमाशंकर –
वहीं डीएमएम रमाशंकर शर्मा ने बताया कि इस मामले में जिले का कोई रोल नहीं है। मैने कोई डिब्बे नहीं दिए। जो खरीददारी होती है वो सबकुछ महिलाएं करती हैं। ब्लॉक मिशन प्रबंधक उसको देखते हैं। पैसा निकालने का अधिकार सिर्फ महिलाओं के पास है। हा ये जरूर है की हम ट्रेनिंग के समय थे। तत्कालीन सीडीओ अमित आसेरी ने इनको आचार बनाने के बाद बाजार में बेचवाने में मदद को कहा था।
आरोपों पर क्या बोले कन्हैया गोंडे –
वहीं इस संबंध में वाईपी कन्हैया से बात की गई तो उन्होंने महिलाओं पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए बताया की उनका आचार मैं नहीं लेके गया। इन्होंने ही इसको पैक करके बेचा है। हालांकी ये जरूर स्वीकारा की कुछ डिब्बे पूजन ने ब्लॉक कर्मचारियों को दिया था जिसका पैसा अभी तक पूजन को नहीं दिया गया। जब वो पैसा लेने आएगी तो उसको दे दिया जायेगा। आचार विदेश भेजवाने के संबंध में बोले की ये बात ट्रेनिंग में तत्कालीन सीडीओ अमित आसेरी ने महिलाओं से कहा था कि आप लोग आचार तैयार करवाए हम इसको बाहर बेचवाने के लिए भेजेंगे। उन्होंने बताया की इसको तैयार करने में लगभग दस हजार का खर्च आया होगा। आचार रखने के डिब्बे डीएमएम रमाशंकर ने दिलवाए थे।