नवरात्रि: दो दिन शापित पहाड़ पर साक्षात विराजती हैं माँ विध्यवासिनी

Tech बांदा न्यूज

खत्री पहाड़ मंदिर में अष्टमी और नवमी को रहती है माँ विंध्यवासिनी

बाँदा। (भानु प्रभात ब्यूरो) प्रसिद्ध माँ विंध्यवासिनी के खत्री पहाड़ मंदिर में विराजनें का बड़ा ही रोचक इतिहास है कहा जाता है,कि जब माँ विंध्यवासिनी मिर्जापुर से नाराज होकर आईं तो खत्री पहाड़ ने माँ का भार सहने से मना कर दिया।इस पर माँ विंध्यवासिनी ने इसे श्राप दे दिया और यह पहाड़ कोढ़ी हो गया है।अर्थात आज भी पूरा सफेद है,मान्यता यह भी है कि माँ विंध्यवासिनी अष्टमी और नवमी को यहाँ साक्षात विराजमान रहती हैं।नवरात्री में यहाँ हजारों दर्शनार्थियों की भीड़ लगती है, इस मंदिर के रिसीवर नरैनी तहसील क़े तहसीलदार हैं।

विन्ध्य पर्वत पर विराजी अष्टभुजा श्री सिद्धिदात्री माता विंध्यवासिनी देवी, एक ऐसी आदिशक्ति हैं,जिनकी देवताओं ने भी आराधना की,वहीं जब-जब सृष्टि पर संकट आया तो महाशक्ति ने अनेकानेक रूप धर कर असुरों का नाश किया और विनाश से बचाया। उन्हीं माँ विंध्यवासिनी का वास है। बाँदा के गिरवाँ क्षेत्र के खत्री पहाड़ में, ऐसी मान्यता है,कि जब द्वापर में माता देवकी की संतानों को कंस वध कर रहा था,तब देवकी की आठवी संतान को बदल कर यशोदा की पुत्री को रख दिया गया था। लेकिन जब कंस ने उसे भी मारने का प्रयास किया तब वो आकाश में विलीन हो गयीं। वही कन्या माँ विंध्यवासिनी हैं,जब माँ खत्री पहाड़ में आईं तब उसने उनका भार सहन कर पाने में अक्षमता जाहिर की, इससे रुष्ट होकर माँ ने उसे श्राप दे दिया की जा कोढ़ी हो जा, उसी के बाद से पूरा पर्वत सफ़ेद कोढ़ की तरह का हो गया है और माँ यहाँ से निकलकर विन्ध्याचल धाम (मिर्जापुर) में विराजमान हो गयीं, तभी से इसे शापित पर्वत कहा जाने लगा लेकिन बाद में अनुनय विनय के बाद माँ ने यहाँ अपना स्थान ग्रहण किया।

बाँदा जिला मुख्यालय से महज 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित सिद्ध शक्तिपीठ श्री सिद्धिदात्री विंध्यवासिनी खत्री पहाड़ अकबरपुर के 10 दिवसीय नवरात्र मेला महोत्सव में हजारों श्रद्धालुओं ने माथा टेका, इसको लेकर मेला प्रबंध समिति और जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इंतजाम कर रखें हैं। यह खत्री पहाड़ विंध्यवासिनी मंदिर मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है। यहाँ माता रानी के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैंlजिले के गिरवाँ थाना क्षेत्र के अकबरपुर चौकी के सिद्धिदात्री विंध्यवासिनी मंदिर में कई वर्षों से लगातार नवरात्रि में मेला लगता है,10 दिन तक यहाँ पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु अपनी मन्नत मांगने माता रानी के दर्शन करने के लिए आते हैं। इसमें मध्य प्रदेश के छतरपुर,सतना,पन्ना, भोपाल,जबलपुर,ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा,महोबा, हमीरपुर,चित्रकूट,फतेहपुर,कानपुर, लखनऊ और प्रयागराज से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं प्रत्येक वर्ष यहाँ पर शतचंडी महायज्ञ रामलीला और कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

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