आठवें दिन बाली बध, लंका दहन, रामेश्वरम की स्थापना आदि लीलाओं का हुआ मंचन
बाँदा/तिंदवारी। (भानु प्रभात ब्यूरो) दुर्गा महोत्सव के अवसर पर कस्बे के रामलीला मैदान में आयोजित पुरातन, पारंपरिक 11 दिवसीय श्री रामलीला मंचन के आठवें दिन बाली बध, लंका दहन, रामेश्वरम की स्थापना आदि लीलाओं का मंचन किया गया। जहां उत्कृष्ट कलाकारों ने जीवंत अभिनय प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सीता की खोज में वन में भटक रहे राम- लक्ष्मण की भेंट हनुमान जी से होती है।सुग्रीव के सुझाव से ब्राह्मण वेश में हनुमान जी जब भगवान राम से साक्षात्कार करने हेतु अग्रसर हुए तो वे स्वयं अचंभित हो गए।
भगवान राम के 14 साल के वनवास के अंतिम वर्ष में हनुमान जी राम जी से मिलते हैं। जब राक्षस राज रावण ने सीता माता का हरण कर लिया था। भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ अपनी पत्नी सीता को खोज रहे थे। उसी समय हनुमान जी एवं प्रभु श्री राम का मिलन हुआ। भगवान के सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी माता सीता की खोज करने के लिए लंका गए और वहां माता सीता से भेंट करने के बाद उन्होंने लंका का दहन किया। लंका दहन की लीला में दर्शकों ने जय श्री राम का उद्घोष किया।
इस अवसर पर कमेटी अध्यक्ष अनिल लखेरा महामंत्री अरविंद कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष नमन गुप्ता, उप प्रबंधक धीरज गुप्ता, उपाध्यक्ष राजन गुप्ता, रामकिशुन गुप्ता, हुकुम चंद गुप्ता, मनीष बजाज, रमाकांत यादव, अखिलेश गुप्ता, हृदयेश श्रीवास्तव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।कमेटी प्रबंधक आनंद स्वरूप द्विवेदी ने बताया कि मंच से अलग हटकर आयोजित राम लीला विजयादशमी दशहरे के दिन बुधवार को दिन में 2:00 बजे से अहिरावण वध आदि लीलाओं का मंचन मंच के माध्यम से किया जाएगा। जबकि राम रावण युद्ध व पुतला दहन की लीला का मंचन बबेरू रोड, बुड्ढन तालाब स्थित रावण दहन स्थल में आयोजित होगा।